उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल के प्रसिद्ध नागराजा सेम मुखेम मंदिर
उत्तराखंड के प्रसिद्ध नागराजा सेम मुखेम मंदिर को छठवें धाम के रूप में विकसित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। भाजपा के जिला मंत्री भान सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात कर नागराजा सेम मुखेम मंदिर को छठवें धाम के रूप में घोषित करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दिए गए ज्ञापन में भान सिंह नेगी ने बताया कि सरकार ने चार धाम के साथ ही देहरादून में पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम घोषित कर दिया गया है। कहां की क्षेत्र के लोग लंबे समय से सेम मुखेम मंदिर को पांचवें धाम के रूप में घोषित करने की मांग कर रहे थे। लेकिन सरकार ने सैनिकों को सम्मान देते हुए पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम को घोषित कर दिया है। ऐसे में प्रसिद्ध नागराजा सेम मुखेम मंदिर को छठवें धाम बनाया जाए।
आपको बता दें कि नागराजा सेम मुखेम मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के अंतर्गत उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है माना जाता है कि यहां कृष्ण नागराज के रूप में प्रकट हुए थे। यह मंदिर काफी प्राचीन है। प्रताप नगर तहसील में समुद्र तल से करीबन 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के नागराजा स्वरूप में दर्शन होते हैं। click here
मंदिर में स्थापित मेन गेट में नागराजा फन फैलाए हैं और भगवान श्री कृष्ण नागराजा के फन के ऊपर बंसी की धुन में लीन है। यहां के लोगों का मानना है कि द्वापर युग के अंत में जब द्वारिका पूरी तरह डूब गई थी, तो भगवान श्री कृष्ण यहां पर ना राजा के रूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा एक मान्यता यह भी है कि मुखेम गांव की स्थापना पांडवों द्वारा की गई थी।
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